मनोहर पर्रिकर
करता नमन मैं उसे,
जो सादगी सम्राट थे।
कर्म से सबके चहेते,
जो मरमिटे है राष्ट्र पे।।
एक नाम तेरा भी है पर्रिकर
मन में मनोहर मीत बैठा।
हार कर भी साँसे अपनी,
लाखो दिलो को जीत बैठा।।
करता हुँ साष्टांग प्रणाम,
मैं राष्ट्रभक्त हर जान को।
चाहे समझे कोई चारण,
मैं लिखूंगा इस सम्मान को।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित १८/०३/२०१९ )