मनोरंजन की निगाह से इस दुनिया को न देख
1.
मनोरंजन की निगाह से इस दुनिया को न देख
इस प्रकृति को संसाधन मात्र की निगाह से देख
समाज की सामाजिकता को देख , मानव की मानवता को देख
आध्यात्मिकता से नाता जोड़ , दुनिया को उस परमेश्वर की निगाह से दख
2.
लोकहित जो कर्म करेगा , आत्मबलिदानी जो बनेगा
धर्म हित जो बढ़ेगा , कर्तव्यनिष्ठ हो जो कर्म करेगा
देश प्रेम हित जो बढ़ेगा , मानवधर्म जो बढ़ेगा
अभिनन्दन उसी का होगा , कीर्ति उसी की बढ़ेगी