मनुष्य
मनुष्य प्रार्थना करके समझता ईश्वर सबकुछ सुनता है।
और भूल जाता निंदा करने पर ईश्वर निंदा भी सुनता है।।
पुण्य करे तो यही समझे वो ईश्वर उसको देख रहा है।
पाप करते समय भूल जाता है ईश्वर सबकुछ देख रहा है।।
दान करे वह यही समझकर सभी में ईश्वर पाया जाता है।
और भूल जाता है ईश्वर को जब वह चोरी करने जाता है।।
ईश्वर की बनाई इस दुनिया में वह प्रेम सभी से कर पाता है।
नफ़रत अपनों से ही करता है जब भूल वो ईश्वर को जाता है।।
कहे विजय बिजनौरी सभी से तू समझ ना बुद्धिमान खुदी को।
ईश्वर पर जब विश्वास करेगा तभी तो दे पायेगा ख़ुशी सभी को।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।