मनाने का जमाना गुजर गया
क्यों रूठोगे और किस्से रुठोगे तुम ,
आजकल जमाना किसी को मनाने का ।
फुर्सत किस के पास है इतनी हुजूर !
यही सलीका है कतरा के गुजर जाने का।
क्यों रूठोगे और किस्से रुठोगे तुम ,
आजकल जमाना किसी को मनाने का ।
फुर्सत किस के पास है इतनी हुजूर !
यही सलीका है कतरा के गुजर जाने का।