मनहरण घनाक्षरी
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मनहरण घनाक्षरी
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मैया महागौरी तेरौ रूप अति कांतिवान,
गौर वर्ण धारी महागौरी माँ कहाई है ।
गंगाजल छिड़कौ जो क्षीण तन शैलजा के,
विद्युत प्रभा सी मात भोले ने बनाई है ।।
अभय प्रदाता मैया ऋषभ सवारी करै ,
सबहि नै दुर्गा मात आठवीं मनाई है ।
लाज रखियो री मात ! नेह की नजर कर ,
जगमग ज्योति तेरी ‘ज्योति’ ने जराई है ।।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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