मनवा नाचन लागे
मनवा नाचन लागे
(मैथिली गीत भजन)
~~°~~°~~°
मिलिहैं जब सजन से नैननवा,
तेऽ मनवा नाचन लागे ।
करहुं तन आब सोल्हो सिंगरवा ,
ई मनवा नाचन लागे ।
नैनन प्रीत केऽ कब सऽ दासी ,
प्रीत स्नेह बिनु जग भेल उबासी ।
सुधिबुधि भूलि नैन बरसत दिन-राति,
देखलहुँ जब से श्याम सुरति सोहनवा।
ई मनवा नाचन लागे…
करहुं तन अब सोल्हो सिंगरवा ,
ई मनवा नाचन लागे…
बैरिन वयस भेल पिया बिन,
भार लगत आब जीवन दिन-दिन।
दुसह वियोग अंत करु माधव,
अटकल प्रान जेऽ पिया मोहनवा।
ई मनवा नाचन लागे…
करहुं तन अब सोल्हो सिंगरवा ,
ई मनवा नाचन लागे…
पिया आवन सुनि मन अनुरागी,
ऊरध स्वाँस हिय राम हितलागी।
किया निठुर भेलहुँ ,आतुर मन हमर,
आबथु नेऽ दशरथ के ललनवा।
ई मनवा नाचन लागे…
करहुं तन अब सोल्हो सिंगरवा ,
ई मनवा नाचन लागे…
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ३ /१२/२०२२
मार्गशीर्ष ,शुक्ल पक्ष,एकादशी ,शनिवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail