मनमीत मिले
* मनमीत मिले (ग़ज़ल) *
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सरदी आई शीत मिले,
साजन चाहे मीत मिले।
गाओ सुर लय युक्त भरा,
मनमोहक सा गीत मिले।
कोई भी जन रिक्त न हो,
प्रियतम को मनमीत मिले।
सुलझा – सुलझा मेल रहे,
रिश्तों में भी जीत मिले।
साथी का भी साथ मिले,
हर प्रेमी को प्रीत मिले।
प्यारा सरगम साज बजे,
मधुरिम सा संगीत मिले।
मनसीरत शिक़वा न गिला
मिलती -जुलती रीत मिले।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल(