मधेश प्रदेश बनाम मिथिला।
मधेश प्रदेश बनाम मिथिला।
-आचार्य रामानंद मंडल।
हाले मे ३५म अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन सिरहा मे आयोजित भेल हय। सम्मेलन मे एगो महत्वपूर्ण मांग भेल कि मधेश प्रदेश के नाम बदल के मिथिला प्रदेश होय। ज्ञातव्य हो कि लम्बा संघर्ष के बाद नेपाल मे प्रांत -२के नाम मधेश प्रदेश बनल। विवाद राजधानी आ प्रदेश के नाम के ले रहय। प्रांत -२ मे आठ जिला हय आउर आठो जिला के भाषा अलग अलग हय। यथा वीरगंज क्षेत्र में अवधि , सप्तरी साइड मे थरूहट , जनकपुर क्षेत्र में मैथिली त गौर साइड में अलग भाषा हय।त नेपाल के महत्वपूर्ण औधोगिक क्षेत्र वीरगंज के राजधानी आ प्रदेश के नाम मिथिला रहय। परंतु शेष जिला जनकपुर के राजधानी आ प्रदेश के नाम मधेश राखै चाहै। बहुमत के आधार पर प्रदेश न -२के नाम मधेश प्रदेश आ राजधानी जनकपुर राखल गेल। परंतु कुछ लोग एकर विरोध क रहल हय।
आब विचार करय के आवश्यकता इ हय कि भारत के एगो अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद, जयनगर के वरीय पदाधिकारी संरक्षक, अध्यक्ष आ अन्य पदाधिकारी मधेश प्रदेश के नाम बदल कर मिथिला राज्य बनाबे पर सहमति जतैलन।
वर्तमान में भारत मे मिथिला राज्य पुनर्गठन के लेल संघर्ष कैल जा रहल हय। मिथिला राज्य निर्माणी संगठन मे मतभेद हय। मिथिला के परिसिमन पर मतभेद हय।अइ परिस्थिति में अंतरराष्ट्रीय राजनीति मे परनाइ उचित कदम न कहल जा सकैय हय। नेपाल आ भारत के मिथिला मे रोटी -बेटी के संबंध अवश्य हय परंतु नेपाल के राजनीतिक स्थिति मे आब रोटी -बेटी के संबंध पर प्रश्न चिन्ह लाग रहल हय।आब भारत के बेटी के सात साल बादे नेपाली नागरिकता मिले के प्रावधान हय। महत्वपूर्ण बात इ कि बहुमत के निर्णय जौं मधेश प्रदेश के पक्ष में हय त भारत के मिथिला राज्य निर्माणी के नेपाल मे टांग अंड़नाइ कदापि उचित न हय।वो बहुमत भारत के मिथिला पुनर्गठन मे बाधा बन सकैय छैय।उहां के मधेश प्रदेश के समर्थक राजनीतिज्ञ भारत के मिथिला निर्माण में टांग अड़ायत। अंततः उचित इ हय कि अपन भारत मे मिथिला राज्य पुनर्गठन पर ध्यान देल जाय।
@आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।