मधु दोधक छन्द
मधु दोधक छन्द
211 211 211 22
जीवन में शुभ काम किये जा।
नाम यही शुभ राम लिए जा ।
जीवन में कुछ और न देखा ।
पुण्य किये बदले हर रेखा ।
कौन कहे तुझको अपना रे।
झूठ कहें सब है सपना रे।
साथ चले जग का कब मेला।
अंत चले सब छोड़ अकेला।
मधु दोधक छन्द
211 211 211 22
जीवन में शुभ काम किये जा।
नाम यही शुभ राम लिए जा ।
जीवन में कुछ और न देखा ।
पुण्य किये बदले हर रेखा ।
कौन कहे तुझको अपना रे।
झूठ कहें सब है सपना रे।
साथ चले जग का कब मेला।
अंत चले सब छोड़ अकेला।