मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
उनके अंदर के गम यारों दफन कहां हो जाते हैं
मनुहारी की बात अगर कोई बतला दे तुमको जो
खुशियों से अंदर ही अंदर मन को वह मुस्कुराते हैं
हम व्याकुल से रहते हैं गम वाली इस नगरी में
अच्छे-अच्छे लोग यहां से गायब क्यों हो जाते हैं
पीठ के पीछे जो तुम्हारे चक्रव्यूह नित रचाते हैं
वही लोग हैं जो हमको चलना यार सीखाते हैं
✍️कवि दीपक सरल