Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2024 · 1 min read

मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं

मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
उनके अंदर के गम यारों दफन कहां हो जाते हैं

मनुहारी की बात अगर कोई बतला दे तुमको जो
खुशियों से अंदर ही अंदर मन को वह मुस्कुराते हैं

हम व्याकुल से रहते हैं गम वाली इस नगरी में
अच्छे-अच्छे लोग यहां से गायब क्यों हो जाते हैं

पीठ के पीछे जो तुम्हारे चक्रव्यूह नित रचाते हैं
वही लोग हैं जो हमको चलना यार सीखाते हैं

✍️कवि दीपक सरल

153 Views

You may also like these posts

ये कैसी दीवाली
ये कैसी दीवाली
Satish Srijan
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
Ajit Kumar "Karn"
पिता
पिता
Ashwini sharma
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
नासूर
नासूर
Neerja Sharma
घूंटती नारी काल पर भारी ?
घूंटती नारी काल पर भारी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
Shweta Soni
खुशी
खुशी
Phool gufran
हमारी सोच में तुम थे,
हमारी सोच में तुम थे,
Dr fauzia Naseem shad
क्या पता?
क्या पता?
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
अब नहीं हम आयेंगे
अब नहीं हम आयेंगे
gurudeenverma198
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
Rituraj shivem verma
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"तफ्तीश"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कुरा दीजिए
मुस्कुरा दीजिए
Davina Amar Thakral
"चारों तरफ अश्लीलता फैली हुई है ll
पूर्वार्थ
गांव की बात निराली
गांव की बात निराली
जगदीश लववंशी
पिता
पिता
Mansi Kadam
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
— कैसा बुजुर्ग —
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Towards the end
Towards the end
Buddha Prakash
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
Keshav kishor Kumar
एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
Swami Ganganiya
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बोलो हां कर दोगी ना
बोलो हां कर दोगी ना
Anant Yadav
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
Atul "Krishn"
मेरे पास सो गई वो मुझसे ही रूठकर बेटी की मोहब्बत भी लाजवाब ह
मेरे पास सो गई वो मुझसे ही रूठकर बेटी की मोहब्बत भी लाजवाब ह
Ranjeet kumar patre
पहला खत
पहला खत
Mamta Rani
*सुप्रभात*
*सुप्रभात*
*प्रणय*
Loading...