मधुशाला अभी बाकी है ।।
हर शाम गुजरना बाकी है
हर रात सवरना बाकी है ।
मधु से भरा हूं प्यालों में
मधुशाला अभी बाकी है।।१।।
बेचैनी में हम दौड़े–दौड़े
उनसे मिलने फिर से आए ।
जब उतरी वो प्यालो में
सज गए हम मधुशालो में।।२।।
हारी हुई उन राहों से
बेफिक्रो की बाहों में ।
उठकर फिर गिर जाएंगे
मधुशाला के प्यालों में ।।३।।
मत पुकारो इन राहों को
अभी तो जग सब खाली है ।
मधु से भरा हो प्यालो में
मधुशाला अभी बाकी है ।।४।।