मधुर स्मृति
#मधुर स्मृति
सात रंग के सपनों से।
दिन रात की माला गूंफना।
वक्त आया महूआ रस लेकर।
प्रकट हुई सच कल्पना।।
ये कैसे हुआ, ना तु जानी ना मै जाना___
याद आई मधुर स्मृति की बात….
चांद रात में डोलने वाली।
नाग नागिन की कात ।।
दो दिलों में जलने वाली।
याद आई मधुर स्मृति की बात।।
ये कैसे हुआ, ना तु जानी ना मै जाना___
याद आई मधुर स्मृति की बात…..
स्वरचित – कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.