Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2024 · 1 min read

“मधुरबोल”

“मधुरबोल”
मधुर अछि बोल आहाँ केर आहाँ कते नीक लागैत छी !
रहब हम संग जीवन भरि नहिं हम फूसि बाजैत छी !!
सजल अछि रूप आहाँ कें कनिकबे घोघ लेने छी !
नयन सं बाण चलबैत छी हृदय कें मोहि लेने छी !!
नूपुर कें भाग्य जागल अछि बनल संगीत जीवन मे !
करैत विह्वल सदा हमरा नहिं उपचार अछि मन मे !!
आहिं कें देखि कें हम त सफल जीवन बनौने छी !
कहू त आब कतय जायब जखन आहाँ संग देने छी !!
@ परिमल

Language: Maithili
42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
बात हमेशा वो करो,
बात हमेशा वो करो,
sushil sarna
देश चलता नहीं,
देश चलता नहीं,
नेताम आर सी
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
रागी के दोहे
रागी के दोहे
राधेश्याम "रागी"
अभ्यर्थी हूँ
अभ्यर्थी हूँ
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
तू बढ़ता चल....
तू बढ़ता चल....
AMRESH KUMAR VERMA
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
Ashwini sharma
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
Dr. Upasana Pandey
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
न लिखना जानूँ...
न लिखना जानूँ...
Satish Srijan
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्यों नहीं लोग.....
क्यों नहीं लोग.....
Ajit Kumar "Karn"
निराश मन-
निराश मन-
पूर्वार्थ
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
bharat gehlot
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
gurudeenverma198
*****सबके मन मे राम *****
*****सबके मन मे राम *****
Kavita Chouhan
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
Neelam Sharma
स्त्री हूं केवल सम्मान चाहिए
स्त्री हूं केवल सम्मान चाहिए
Sonam Puneet Dubey
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
‘प्रकृति से सीख’
‘प्रकृति से सीख’
Vivek Mishra
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"यकीन"
Dr. Kishan tandon kranti
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
#अंतिम_उपाय
#अंतिम_उपाय
*प्रणय प्रभात*
खाने पुराने
खाने पुराने
Sanjay ' शून्य'
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
*शून्य में विराजी हुई (घनाक्षरी)*
*शून्य में विराजी हुई (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
Loading...