मदिरालय
ये मादकता का
प्याला तुम न पियो
भरा रहता
जहर से प्याला
मादकता का प्याला
पिये खुद को राजा बताते
कुछ वक्त बीत जाता
अतीत को छिपाते
सुंदर यहाँ आता
आता कुरूप वाला
पैसे की बात न करो शेख
मधुशाला आनेवाला हर एक
खुद को बेच पीता प्याला
मधुशाला को न देख
यहाँ गिरा होता है
हर एक पीनेवाला
कलयुग का सच
मधुशाला
मय के प्याले कहते
गृह गृहिणी से दूर
मधुशाला करते
आगे पड़ा है
अभी सारा यौवन
मधुशाला को न देख
मय के नयनों से यौवन को न देख