मदारी का तमाशा हो रहा है
था वादा क्या मगर क्या हो रहा है
हकीकत में दिखावा हो रहा है
चलो बच्चों जरा ताली बजाओ
मदारी का तमाशा हो रहा है
खबर उड़ने लगी जब से हवा में
तब से खबरों का सौदा हो रहा है
गरीबों को बनाकर मोहरा अब
करोड़ों का ये जलसा हो रहा है
जो खाकर बैठा है मुफलिस की रोटी
शहर में उसका जलवा हो रहा है
यूँ तो खामोशियाँ पसरी हैं बाहर
तो फिर अंदर क्यों बलवा हो रहा है
मुझमें इंसानियत मरने लगी है
अब इक शैतान जिन्दा हो रहा है
इक आदमखोर ने है घास खाई
खुदाया क्या करिश्मा हो रहा है
बहुत दिन चैन से काटी है ‘संजय’
ले अब तेरा खुलासा हो रहा है