Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2024 · 1 min read

मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं

मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
मैं दीपक बनकर के अब दीप जलाने निकला हूं..

संघर्षों की जद् मैं कब तक तुम मुझको रुकोगे
छोटे-छोटे लफ्जों को आवाज बनाने निकला हूं

✍️कवि दीपक सरल

109 Views

You may also like these posts

........,
........,
शेखर सिंह
आशियाना
आशियाना
Dipak Kumar "Girja"
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
Ram Krishan Rastogi
बैंकर
बैंकर
Khajan Singh Nain
शीर्षक -ओ मन मोहन
शीर्षक -ओ मन मोहन
Sushma Singh
इतना हमने भी
इतना हमने भी
Dr fauzia Naseem shad
क्यूँ ख़ामोशी पसरी है
क्यूँ ख़ामोशी पसरी है
हिमांशु Kulshrestha
हम  चिरागों  को  साथ  रखते  हैं ,
हम चिरागों को साथ रखते हैं ,
Neelofar Khan
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
चले आना तुम
चले आना तुम
Jyoti Roshni
धर्म
धर्म
Mamta Rani
A GIRL WITH BEAUTY
A GIRL WITH BEAUTY
SURYA PRAKASH SHARMA
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
TAMANNA BILASPURI
मोहब्बत मेरी जब यह जमाना जानेगा
मोहब्बत मेरी जब यह जमाना जानेगा
gurudeenverma198
One day you will realized that happiness was never about fin
One day you will realized that happiness was never about fin
पूर्वार्थ
नैनों की भाषा पढ़ें ,
नैनों की भाषा पढ़ें ,
sushil sarna
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
*प्रणय*
पिता दिवस
पिता दिवस
Neeraj Agarwal
- गुमनाम महबूबा मेरी गुमनाम है उसका पता -
- गुमनाम महबूबा मेरी गुमनाम है उसका पता -
bharat gehlot
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
तलाश
तलाश
ओनिका सेतिया 'अनु '
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
DrLakshman Jha Parimal
समारोह चल रहा नर्क में
समारोह चल रहा नर्क में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
సంస్థ అంటే సేవ
సంస్థ అంటే సేవ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डिप्रेशन
डिप्रेशन
Ruchi Sharma
डर डर जीना बंद परिंदे..!
डर डर जीना बंद परिंदे..!
पंकज परिंदा
दिल पर ठेस लगती है तो आवाज नही होती।
दिल पर ठेस लगती है तो आवाज नही होती।
Rj Anand Prajapati
Loading...