आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
गृहणी का बुद्ध
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
झूठ है सब ज़हीन धोका है - संदीप ठाकुर
शिक्षा हर मानव का गहना है।
निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
🌹 इस्लाम ने मोहब्बत का पैगा़म दिया है ।
के उसे चांद उगाने की ख़्वाहिश थी जमीं पर,
संवेदनशीलता,सहानुभूति,समानता,समरसता,सहिष्णुता, सत्यनिष्ठा,सं
जिनके बिन घर सूना सूना दिखता है।
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
चुप रहने की आदत नहीं है मेरी
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
हँसना चाहता हूँ हँसाना चाहता हूँ ,कुछ हास्य कविता गढ़ना चाहत
"If you continuously encounter