मत
प्रतियोगिता में
मत प्रतीक्षा में
गुजर तो गया
लगभग एक मास
धन्यवाद उनका
जिन्होंने दिया मत
आभारी हैँ हम
शत प्रतिशत
कभी खडे न हुए
चुनाव मैदान में
कैसे मांगते है
वोट न आया
कभी ध्यान में,
अब कैसे मांगते
सीख ही न पाए
तभी तो रहे पीछे
शायद सबमें नीचे
सीखा था माँगना
होता है बुरी बात
कोरोना के योद्धा
तभी खा गए मात ।
ओम प्रकाश शर्मा