— मत सताओ किसी को —
जीवन एक बार मिला है
फिर नहीं मिलेगा दुबारा
सब का अपना किया है बन्दे
लौट ही दुःख देगा उसे दोबारा !!
आज देखो हर तरफ कैसी
वीरानी सी छाई है
चेहरे पर न मुस्कान बाकी
न दिल में कोई ख़ुशी आयी है !!
छोड़छाड़ के अपनी झोंपड़ी
मजदूर होने लगे घर के लिए विदा
कितने लाचार हुए वो आज देखो
न जाने किस कर्म की मिली उन्हें सजा !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ