मत लो मज़ाक में (भाग 1)
मत लो अब मजाक में,सहयोग करो बचाव में।
जागो, अब ना मौजी बनो,कोरोना की मार में।।
जब बहुत हँस लिये,देख पड़ौसी जलते हुये।
हंसी नही,खांसी है, देख तमाशा बहुत हुये।
अब उनकी बारी है, लग जाओ पूर्ण तैयारी में।
मत लो अब मजाक में, सहयोग करो बचाव में।।
सबको इतना करना है, दूरी बनाकर रखना है।
हाथों को हर बार धोना है,छूने से ही बचना है।
ना अब भीड़ जमाओ,ना निकालो बाज़ार में।
मत लो अब मजाक में, सहयोग करो बचाव में।।
सोच हमारी जब बदलेंगे,हम संकट से लड़ लेंगे।
खुले में ना खाँसे छिंखे,मास्क लगाना अब सीखें।
इकठ्ठे होकर न बतियाओ, कोरोना की मार में।
मत लो अब मज़ाक में, सहयोग करो बचाव में।।
रोग से बचना भलाई, चिकित्सक की ये समझाई।
दूरी तन की अब बनाओ,मन को यूं ही समझाओ।
एकांत रहने की आदत डालो,कोरोना की मार में।
मत लो अब मज़ाक में, सहयोग करो बचाव में।।
रचनाकार:-‘डॉ.शिव लहरी’