मत रो मां
रोना नहीं, ऐ माता
रोना नहीं, ऐ माता
ये आंसुओं के मोती
खोना नहीं, ऐ माता…
(१)
हर सच्चे आदमी को
मिलता यही ईनाम
दाग़ अपने दिल के
धोना नहीं, ऐ माता…
(२)
वो देख किस तरह से
जागे है देश अपना
जितनी भी नींद आए
सोना नहीं, ऐ माता…
(३)
तुझी को देखकर तो
पाता हूं हौसला मैं
मायूस इतनी जल्दी
होना नहीं, ऐ माता…
(४)
आवाज़ दे रहा है
सलीब कबसे मुझको
ज़ंजीरों को अब और
ढ़ोना नहीं, ऐ माता…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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