मत बनो नशे के गुलाम
मत बनो नशे के तुम गुलाम,
भारत मां का सुनो ये पैगाम ।
हर इंसा को कोई न कोई नशा है ,
यह नशे की लत है सबसे आम ।
नशा कैसा भी सेहद के लिए बुरा ,
हर नशे का मौत है एक अंजाम ।
नशा करना इतना जरूरी है तो ,
नशा प्यार का,इसे करो सलाम।
जीवन में कुछ हासिल करना हो ,
नशा ख्वाब का कर देता नींदें हराम ।
एक नशा देशभक्ति का भी होता है ,
वतन के लिए नहीं सोचते अपना अंजाम।
तो ” अनु ” की गुजारिश है नौजवानो से,
छोड़ो नशे की लत ,दो जिंदगी को एक मुकाम।