“ मत पीटो ढोल ”
डॉ लक्ष्मण झा” परिमल “
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मैं लिखता हूँ ,
कोई पढे ना पढे
मैं कहता हूँ
कोई सुने ना सुने
मैं लेखक नहीं
ना प्रवक्ता हूँ
आपके बीच का
एक हिस्सा हूँ
आपके दर्द को मैं
सब जानता हूँ
आपकी पीड़ा को
पहचानता हूँ
बेबसी का आलम
ना पूछो यहाँ पर
कोई व्यथा को नहीं
जानता यहाँ पर
सपने दिखलाने से
कुछ नहीं मिलता
झूठे वादों से
हमारा पेट नहीं भरता
आज 221
भूखे नंगे देशों में
107 बाँ
भारत देश बन रहा हैं
फक्र से विश्व में
आत्मनिर्भरता
मंत्र का उद्घोष
दसों दिशा में कर रहा हैं
मंहगायी ,बेरोजगारी
और भ्रष्टाचारियों
के चंगुल में हम
फँसते जा रहे हैं
कल तक लिखने वाले
आज शिथिल हो गये
कल तक जो बोलते थे
आज मौन हो गये
कैसा यह राज्य है
कोई नहीं बोल सकता
धोबी की बात कहाँ
कोई नहीं सुन सकता
पता नहीं इतिहास क्या
ये लोग दुहराएंगे
आकाश के टूटे तारों में
अपना नाम लिखाएंगे !
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डॉ लक्ष्मण झा” परिमल “
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत
16.10.2022