मत देश सुनो तुम आज उनकी
“मत देश सुनो तुम आज उनकी
जमीर बची न जिनमे जरा सी भी ,
सत्ता के अभिमान में होकरके चूर
देश को बेच आये हैं दूर !
जिनमे ना स्वाभिमान बचा
ना ही देश से प्यार बचा ,
जिनकी इन करतूतों से
भारत को आघात मिला !
जिनकी जीवन की गाड़ी बस
कुर्सी के है आगे पीछे ,
वो मांगते हैं आज सबूत
भारत की सेनाओं से !
अरे धिक्कार है ऐसे नेताओं पर
जिनमे कुछ भी शर्म नहीं ,
आस्तीन के साँप हैं ये
ये कहने में ,मुझे भी कोई शर्म नहीं !
दिल्ली की गद्दी पर बैठ कर
गाते हो राग तुम पाकिस्तान का ,
दीमक की तरह चाटते देश को
और मस्तक झुकाते भारत माँ का !
मत सोच की धूमिल कर देगा तू
भारत की छवि को विश्व पटल पर ,
क्योंकि भारत के सैनिक कर देंगे
पाक को गायब विश्व मानचित्र पर !