मत-दान!
जब आप कर देते हो मत-दान।————फिर वह बन जाते हैं, श्रीमान।————–उनको हो जाता है, बहुत अभिमान।——-भूल जातें हैं,वो और खो जाते हैं पहचान।-बहुत गजब का खेल है ,यह मत-दान।—–राजा बना कर खुद बन जाता है मेहमान।-कब जागेंगी ये भोली भाली जनता।——–बस्ती में आग लगे ,बस!अपना काम बनता।