मत तोड़ो मत तोड़ो
मत तोड़ो मत तोड़ो हिन्दू मुस्लिम को जोड़ो
भाई भाई को जोड़ो मिलकर भारत जय बोलो
जिसने बोई है हिंसा अब ढूँढ़ो ऐसे गद्दारों को
लहू बहाए मासूमों का फेंको उन तलवारों को
बंगाल विभाजन देखा हमने पाकिस्तान भी देखा है
सरहद की लड़ाई में वीरो को कुर्वानी देते देखा है
हिरोसिमा सब भूल गये फिर हथियारों की दौड़ लगी
हाइड्रोजन परमाणु विनासक आज बमों होड़ लगी
अरुणाचल लद्धाख सियाचिन का मसला सुलझाओ
शीत युद्ध के चक्रवात में भारत को मत उलझाओ
पहले अंग्रेजों से त्रस्त थे अब अपनों से ही त्रस्त हैं
देशद्रोह में जेल भेज दो जिनको न तिरंगा भाता हो
नाश करो तत्वों को जिनसे संप्रभुता को खतरा हो
लाल, हरे,पीले झंडो को अपने घर के भीतर रख्खो
द्वितीय स्वतंत्रा है लानी संबिधान को घर रख्खो
चाणक्य, रामानुजन, सुभाष भी तुम ही हो
अपने भीतर के अद्भुत मानव को पहचानो भी
न्याय, समता का जहां ऐसा गणतन्त्र बनाएँगे
सारी दुनिया को फिर शांति पाठ हम पढ़ाएंगे
– साहिल वर्मा