मत-गणना
मत-गणना
—————–
मत-गणना
जारी है।
रुझान आने
शुरू हो गये हैं।
ऊंट भी
करवट बदलने लगे हैं।
कभी इस करवट
कभी उस करवट।
बयान बहादुर
म्यानों में बयानों
की तलवार
लटका कर बैठे हैं।
इस चैनल
का बयान
उस चैनल पर
पलट देते हैं।
यही बयान हैं
किसी का वार
किसी का पलटवार।
मत गणना जारी है।
किसी की जीत
किसी की हार
की बारी है।
कभी ये आगे है
कभी वो पीछे हैं
जब आगे होते
ढोल नगाढ़े बजते
पीछे होते तो
उनके मुंह लटकते
रूझान जारी हैं
थोड़ा रुकिये
तस्वीर साफ़
हो जायेगी
अभी रुकिये
जान जायेंगे
बस देखते जाईये
पांच बरस तक।
—————-
राजेश’ललित’