मत्तगयन्द सवैया
विधा- मत्तगयन्द सवैया छंद (वर्णिक)
शिल्प विधान- 7 भगण+गुरु गुरु
मापनी- 211 211 211 211 211 211 211 22
उक्त छंद में एक गुरु के स्थान पर दो लघु की छूट नहीं होती है |
हे अपराजित अच्युत हे अचला अनया अजया अघहारी।
श्री हरि विष्णु महेंद्र मनोहर पुण्य प्रजापति हे त्रिपुरारी।
हे दुखनाशक हे सुखदायक हे प्रति पालक मंगलकारी।
भाल विशाल कपोल मनोहर सुंदर शंख सुदर्शन धारी।
हे मुरलीधर मोहन हे मधुसूदन माधव हे गिरिधारी।
हे कमला पति केशव कोमल हे करुणा कर कृष्ण मुरारी।
सत्य सनातन,शंतह,श्याम सुमेध सुरेशम हे बनवारी।
हे जगदीश दयालु दयानिधि हे जगपालक कुंज बिहारी।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली