Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2024 · 1 min read

मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है

मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है।
बीबी की सलाह से ही अब, वह करता हरकाम है।।

लगती नहीं अच्छी उसको, माँ बाप की फरमाईश।
बीबी की करता है पूरी, अब तो वह हर ख्वाहिश।।
सुबह शाम बस बीबी को, वह करता सलाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से ————————–।।

बीबी को पीहर है प्यारा, पीहर वालों का करती स्वागत।
सास ससुर को आँख दिखाती, देवर ननद से शिकायत।।
शौहर को दिखाकर जलवें, शौहर पे रखें लगाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से —————————-।।

दर दर भटके सहारे को, भूखे प्यासे माता पिता।
लेकिन वह बेशर्म बेटा, उन पर रहम नहीं करता।।
बीबी सँग वह मस्त महल में, अब बिताता शाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से ————————–।।

लगते हैं माँ बाप बोझ अब, उसको बचपन याद नहीं है।
माँ की ममता के आँचल से, उसको अब प्यार नहीं है।।
भाई बहिनों का संग उसको, अब लगता बदनाम है।
मतलब नहीं माँ बाप से —————————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
230 Views

You may also like these posts

मानुष अपने कर्म से महान होता है न की कुल से
मानुष अपने कर्म से महान होता है न की कुल से
Pranav raj
जो अपने विचारों में परिवर्तन नही कर सकता उसके जीवन में कोई भ
जो अपने विचारों में परिवर्तन नही कर सकता उसके जीवन में कोई भ
Rj Anand Prajapati
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
Ansh
हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो प
हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो प
Sanjay ' शून्य'
सिया मान मेरी बात
सिया मान मेरी बात
Baldev Chauhan
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
कवि दीपक बवेजा
2453.पूर्णिका
2453.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
संवेदनहीन नग्नता
संवेदनहीन नग्नता"
पूर्वार्थ
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
Ranjeet kumar patre
इतनी मिलती है तेरी सूरत से सूरत मेरी ‌
इतनी मिलती है तेरी सूरत से सूरत मेरी ‌
Phool gufran
क्या अपने और क्या पराए,
क्या अपने और क्या पराए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*खुद को चलना है अकेले*
*खुद को चलना है अकेले*
Krishna Manshi
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
“इटरमीडियट कैड़र का ड्रामा प्रतियोगिता”
“इटरमीडियट कैड़र का ड्रामा प्रतियोगिता”
DrLakshman Jha Parimal
मन की संवेदना
मन की संवेदना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
कुछ नहीं बचेगा
कुछ नहीं बचेगा
Akash Agam
I
I
*प्रणय*
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
जीवन संवाद
जीवन संवाद
Shyam Sundar Subramanian
पंखा
पंखा
देवराज यादव
संत गुरु नानक देव जी
संत गुरु नानक देव जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Dr Archana Gupta
"कठपुतली"
Dr. Kishan tandon kranti
उस दिल का दराज जला दिया..
उस दिल का दराज जला दिया..
TAMANNA BILASPURI
रूसवाइयांँ¹ मिलेगी, बे_क़दर, बे_नूर हो जाओगे,
रूसवाइयांँ¹ मिलेगी, बे_क़दर, बे_नूर हो जाओगे,
_सुलेखा.
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...