Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2024 · 1 min read

*मतलब की दुनिया*

फिर जीने की आस हुई जब
आकर वो मेरे जनाज़े पर रो गए
जिनके दिल तोड़ने से हम
गम में मजबूरन ज़हर खा गए

अब मुमकिन नहीं था वापिस आना
इस दुख में थोड़े हम भी रो दिए
होश सँभाला तो देखा कि
वो किसी और के साथ चल दिए

है यही ज़िंदगी यारों
कोई किसी के लिए नहीं रुकता यहां
जब तक कोई ज़रूरत न हो
कोई किसी के सामने नहीं झुकता यहां

है सब मतलब का खेल
बस अलग अलग नाम दे रखें है हमने
जिससे कुछ चाहिए हमको
उनसे ही रिश्ते जोड़ रखें है हमने

मतलब निकलते ही मैं कौन तुम कौन
की परिस्थितियां हो जाती है यहां
करता है जो सच्चा प्यार किसी से
वो तो हमेशा सताया जाता है यहां

होंगे सबके अपने अपने अनुभव
लेकिन धोखा तो सभी को मिला होगा यहां
कलियों को नहीं छोड़ते लोग, सोचना मुश्किल है
बिना माली के फूल खिला होगा यहां

फिर भी जी रहें है हम एक ही उम्मीद में
कभी तो हालात सुधरेंगे यहां
लालच और स्वार्थ को हराकर
त्याग और प्यार के रिश्ते बनेंगे यहां।

5 Likes · 2 Comments · 132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
.        ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
. ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आधार निर्माण का कार्य ईश्वर उसी व्यक्ति  को देते हैं, जिसका
आधार निर्माण का कार्य ईश्वर उसी व्यक्ति को देते हैं, जिसका
Sanjay ' शून्य'
“बिरहनी की तड़प”
“बिरहनी की तड़प”
DrLakshman Jha Parimal
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हमने माना
हमने माना
SHAMA PARVEEN
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राही साथ चलते हैं 🙏
राही साथ चलते हैं 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अगर कोई छोड़ कर चले
अगर कोई छोड़ कर चले
पूर्वार्थ
देखा तुम्हें सामने
देखा तुम्हें सामने
Harminder Kaur
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
3213.*पूर्णिका*
3213.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डर
डर
Sonam Puneet Dubey
फितरत
फितरत
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
म्हारो गांव अर देस
म्हारो गांव अर देस
लक्की सिंह चौहान
बहुतेरे हैं प्रश्न पर,
बहुतेरे हैं प्रश्न पर,
sushil sarna
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
gurudeenverma198
प्रेम अब खंडित रहेगा।
प्रेम अब खंडित रहेगा।
Shubham Anand Manmeet
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
Dushyant Kumar
आख़िरी हिचकिचाहट
आख़िरी हिचकिचाहट
Shashi Mahajan
🙅तमाचा🙅
🙅तमाचा🙅
*प्रणय प्रभात*
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
Jyoti Khari
आने जाने का
आने जाने का
Dr fauzia Naseem shad
Loading...