Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2018 · 1 min read

#कुंडलिया//

अपना होकर गैर सम , कैसा वो इंसान।
जले और की जीत से , करता निज नुकसान।।
करता निज नुकसान , नहीं ख़ुशियाँ वो पाता।
जलकर लकड़ी राख , हस्र ऐसा हो जाता।
सुन प्रीतम की बात , रीस का देखो सपना।
ख़ुशी-ख़ुशी से जोड़ , धर्म यह हो बस अपना।

आँखें कहती राज सब , मुख दर्पण है एक।
चाँद चाँदनी कब छिपे , देखें इसे अनेक।।
देखें इसे अनेक , भेद दिल का तुम खोलो।
ग़लती होगी माफ़ , मगर सच पहले बोलो।
सुन प्रीतम की बात , मनुज में ग़लती रहती।
झुके समझ कर आप , न्याय मानवता कहती।

#आर.एस.’प्रीतम’

233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"कूँचे गरीब के"
Ekta chitrangini
पत्ते बिखरे, टूटी डाली
पत्ते बिखरे, टूटी डाली
Arvind trivedi
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
2867.*पूर्णिका*
2867.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
Ranjeet kumar patre
बहाना मिल जाए
बहाना मिल जाए
Srishty Bansal
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
निर्बल होती रिश्तो की डोर
निर्बल होती रिश्तो की डोर
Sandeep Pande
हमने क्या खोया
हमने क्या खोया
Dr fauzia Naseem shad
बदल गए तुम
बदल गए तुम
Kumar Anu Ojha
बेअदब कलम
बेअदब कलम
AJAY PRASAD
Three handfuls of rice
Three handfuls of rice
कार्तिक नितिन शर्मा
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चाय और राय,
चाय और राय,
शेखर सिंह
★उसकी यादों का साया★
★उसकी यादों का साया★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
Chunnu Lal Gupta
Winner
Winner
Paras Nath Jha
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
"पत्नी और माशूका"
Dr. Kishan tandon kranti
देखें हम भी उस सूरत को
देखें हम भी उस सूरत को
gurudeenverma198
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
पूर्वार्थ
मैं कुछ इस तरह
मैं कुछ इस तरह
Dr Manju Saini
*रखो सम्मोहक बोली 【कुंडलिया】*
*रखो सम्मोहक बोली 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
■ जाने कहाँ गए वो दिन!!
■ जाने कहाँ गए वो दिन!!
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
मां का घर
मां का घर
नूरफातिमा खातून नूरी
नदी
नदी
Kumar Kalhans
Loading...