मतदान महादान
****मतदान -महादान ***
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जागो मतदाता जागो रे,
लालच मन से त्यागो रे।
मदारी आये खेल दिखाने,
तमाशा देख कर भागो रे।
तरह-तरह के लोभ भी देंगे,
लोलुपता से दूर भागो रे।
मय के भर – भर प्याले देंगे,
मदिरा-मोह मन से छोड़ो रे।
झूठे वायदे भी फिर से होंगे,
सच्चाई पटल पर लाओ रे।
मत और माया में होगी जंग,
मताधिकार महत्ता जानो रे।
खरीद फ़रोख़्त बहुत होगी,
दलालो को दूर भगाओ रे।
जागरूक हो सब नर-नारी,
अलख ज्ञान का जलाओ रे।
दो पैसों में खरीदेंगे तुमको,
मोह-माया में मत आओ रे।
कभी न होना पथभ्रष्ट तुम,
सच की पताका लहराओ रे।
नेताओं के मन को परखों,
सबक असल सिखाओ रे।
मनसीरत मतदान महादान,
जन जन को समझाओ रे।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)