Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2018 · 1 min read

मतदाता

मतदाता से मत लेकर मतदाता का सम्मान भी करना
उनके काम को मत मत कहना उनसे बचकर रहना।

फर्श से अर्श पर पहुँचाए तुम्हें वो है मतदाता
अर्श से फर्श पर वही तो है लाता।
एक एक मत की कीमत होती यही इक है सार
बनाए रखना हरदम अपना मतदाता से प्यार।
गर राजभवन में राज है करना हाल पूछते रहना——–

लोकतंत्र में जनता ही होती सबसे ऊपर है
पांच साल चुप रहती रखती हर पल नजर है।
काम जो अच्छा करते कुर्सी पर उसे बिठाती है
मूर्ख बनाए कोई उसे तो कुर्सी फिर छिन जाती है।
टिकता वही जो सीख लेता उनकी हां में हां कहना———

जो जनता की सेवा करके पाता उनका प्यार है
वही चमकता देश में ही उसका बेडा पार है।
दुआएँ मिलती खूब भोगता हमेशा सुख सत्ता के
नाम हो जाता अमर फिर समझे जो फर्ज सत्ता के।
समझदार हैं आप मैं क्या समझाऊँ पहनो यही गहना——-

अशोक छाबडा

Language: Hindi
1 Comment · 538 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
Subhash Singhai
फितरत आपकी जैसी भी हो
फितरत आपकी जैसी भी हो
Arjun Bhaskar
बांते
बांते
Punam Pande
वक़्त का समय
वक़्त का समय
भरत कुमार सोलंकी
झूठी कश्ती प्यार की,
झूठी कश्ती प्यार की,
sushil sarna
नारी के चरित्र पर
नारी के चरित्र पर
Dr fauzia Naseem shad
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इशरत हिदायत ख़ान
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
पूर्वार्थ
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
"फागुन में"
Dr. Kishan tandon kranti
"अंधविश्वास में डूबा हुआ व्यक्ति आंखों से ही अंधा नहीं होता
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
चाहतें मन में
चाहतें मन में
surenderpal vaidya
जटिलताओं के आगे झुकना
जटिलताओं के आगे झुकना
VINOD CHAUHAN
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
Lokesh Sharma
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4446.*पूर्णिका*
4446.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
........,?
........,?
शेखर सिंह
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
*मुहब्बत के मोती*
*मुहब्बत के मोती*
आर.एस. 'प्रीतम'
चाँद और इन्सान
चाँद और इन्सान
Kanchan Khanna
*हनुमान के राम*
*हनुमान के राम*
Kavita Chouhan
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
माँ
माँ
Dinesh Kumar Gangwar
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
Neeraj Agarwal
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"ऊंट पे टांग" रख के नाच लीजिए। बस "ऊट-पटांग" मत लिखिए। ख़ुदा
*प्रणय*
राम सीता
राम सीता
Shashi Mahajan
Loading...