मतदाता जागरूक बनो
?मतदाता जागरूक बनो?
मतदाता तुम जागरूक बनो,
लालच से तुम परहेज करो,
नेता भी मदारी से कम नहीं,
झूठे-वादों का पिटारा लेकर आया,
झूठे-सपनों का तमाशा खूब दिखायेगा,
लालच तुमको तरह तरह की दिखाएंगे,
उस लालच से तुम रहना बहुत ही दूर,
माया के चक्कर में मति अपनी मत गंवा देना तुम,
मदिरा की मायावी बोतलों में मत खो जाना तुम,
मदिरा और माया का मोह तुम त्याग कर मतदान करना तुम,
उनके झूठे वायदों में मत आना तुम,
पहले पांच साल का हिसाब लेना तुम,
उनकी कुर्सी की अंधी-दौड़ के चक्कर में,
मतदाता तुम मत चक्कर खा जाना,
जागो मतदाता अंधविश्वास से तुम,
तुम अपने मत की किम्मत जानो,
अपने मत का करो मत दुरुपयोग,
इस चुनाव में नहीं हर चुनाव में होती है,
मत और माया में जंग हर बार,
अपने मत का महत्व समझो,
मत देना तो अपना अधिकार है,
सोच-समझकर मतदान करो,
खरीद फ़रोख़्त तो नेताओं की रग-रग में होती है,
तुम भावुकता में मत बह जाना,
इन दलालो को तुम दूर भगाना,
युवा साथियों तुम सबको जगाना,
नर-नारी को तुम जागरूक करना,
मत में माया-मदिरा को तुम भगाना,
ऐसा एक अभियान तुम चला देना,
लालच को तुम अपनी मार कर,
मतदाता मन को व्यथित न कर,
सत्य की राह पर चल सबको चलने को प्रेरित कर,
नेता मदारी की काली करतूतों को सबको रूबरू कर,
मन से मतदान करो यही सर्वोपरि है,
सब जन तक यही बात पहुँचानी है,
✍️ चेतन दास वैष्णव✍️
गामड़ी नारायण
बाँसवाड़ा
राजस्थान
24/01/2021
स्वरचित मौलिक मेरी रचना