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18 Apr 2022 · 1 min read

*मजा हार में आता (बाल कविता)*

मजा हार में आता (बाल कविता)
■■■■■■■■■■■■■■■■■
पोता बोला दादा जी से
“रंग चाँद का कैसा?”
जरा सोचकर दादा जी
यह बोले “कौए जैसा”

सुनकर पोता खुश हो-होकर
झूमा-नाचा-गाया
बोला “हार गए दादा जी
मैने उन्हें हराया”

बोले तब दादा जी
“अक्सर मजा हार में आता
जान-बूझकर
मैं पोते को उत्तर गलत बताता”
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 1 Comment · 132 Views
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