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18 Mar 2020 · 1 min read

मजा आ जाए

आँख मैखाना बना लो तो मजा आ जाए
जाम नजरों से पिला दो तो मजा आ जाए

तुम उधर मैं हूँ इधर और ये गहरा सागर
नाव लहरों पे चला दो तो मजा आ जाए

आप दीवाने हुए हो ये पता है लेकिन
हमको दीवाना बना लो तो मजा आ जाए

छोड़ के हाथ को माँ बाप का जाने वालों
फिर से कांवर को उठा लो तो मजा आ जाए

हाथ से हाथ का मिलना रिवाज़ होता है
दिल को दिल से जो मिला लो तो मजा आ जाए

तोड़कर के जो गए रिश्ता मैं सुकून में हूँ
याद भी दिल से मिटा दो तो मजा आ जाये

यार नेताओं के महलों की ऊंचाई है गज़ब
इनकी बुनियाद हिला दो तो मजा आ जाए

यूँ तो ग़ज़लें मेरी होती हैं अलहदा फिर भी
तुम जो गाकर के सुना दो तो मजा आ जाए

जात मजहब ने हमें बाँट दिया है संजय
ग़र ये दीवार गिरा दो तो मजा आ जाए

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