Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏

मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
मज़हब के प्यारे सज्जन
पाओं कर्म से अभिवंदन
शांत सद्भाव करूणा दया
धर्म सिखाता जग नमन

काया है मन मोहक माया
शुभ चिंतक बन करो श्रम
विकास परिवर्तन आएगा
आर्थिक सुधार हो जाएगा

पूरी होगी जन की आस
कमी ना होगी दाना पानी
भूखा रह ना जन सोयेगा
पेट भरेगा सब साथ सामान

धर्म मज़हब निज अपना हो
पर द्वेष वैर का ना सपना हो
धर्म मज़हब की आड़ सरहद
पार अराजकता नहीं आधार

जन दुःख का बनो ना कारण
स्वराज्य हमारा जन्म सिद्ध है
अधिकार बचा देश जन जान
डर पीछे हटता जो देश गद्दार

निर्भय हो सामना करता जब
हृदय से मिलता दुआ सम्मान
धर्मानुरागी मज़हवी है इंसान
कठोर दृढ़ता भूल इंसानियत

सुलगाते नफ़रत उलझाते मन
सुलझा समस्या धर्म कर्म ज्ञान
एक लाख चालीस करोड़ का
आस अरमान वीर बलबान

मिल जुल माने निज मज़हब
बैर मिटा गले मिलें सिद्ध करें
मज़हब नहीं सिखाता आपस
में बैर करना प्यार मोहब्बत
भाई चारे एकता में है दम खम ॥

🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
तारकेशवर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
119 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

मोहब्बत का पैगाम लिख रही हूं
मोहब्बत का पैगाम लिख रही हूं
Jyoti Roshni
कभी
कभी
PRATIK JANGID
कविता क्या होती है...?
कविता क्या होती है...?
Rajdeep Singh Inda
दवाखाना  से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
दवाखाना से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अधिमास
अधिमास
Shweta Soni
अध्यात्म चिंतन
अध्यात्म चिंतन
डॉ० रोहित कौशिक
"समझ लेना होगा"
Dr. Kishan tandon kranti
शिव आराध्य राम
शिव आराध्य राम
Pratibha Pandey
2856.*पूर्णिका*
2856.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिस दिन
जिस दिन
Santosh Shrivastava
शुभ दिवस
शुभ दिवस
*प्रणय*
#कमसिन उम्र
#कमसिन उम्र
Radheshyam Khatik
या खुदा तेरा ही करम रहे।
या खुदा तेरा ही करम रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
जानते    हैं   कि    टूट     जाएगा ,
जानते हैं कि टूट जाएगा ,
Dr fauzia Naseem shad
അന്ന്....
അന്ന്....
Heera S
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
देर तो हो गई है
देर तो हो गई है
Ansh
वह आदत अब मैंने छोड़ दी है
वह आदत अब मैंने छोड़ दी है
gurudeenverma198
सुप्रभात!
सुप्रभात!
Sonam Puneet Dubey
सुबह सुबह उठ कर उनींदी आँखों से अपने माथे की बिंदी को अपने प
सुबह सुबह उठ कर उनींदी आँखों से अपने माथे की बिंदी को अपने प
पूर्वार्थ
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
शेर
शेर
Abhishek Soni
तेरी बेवफाई भी कबूल।
तेरी बेवफाई भी कबूल।
Rj Anand Prajapati
सब तेरा है
सब तेरा है
Swami Ganganiya
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
Neelam Sharma
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*नासमझ*
*नासमझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संगीत और स्वतंत्रता
संगीत और स्वतंत्रता
Shashi Mahajan
Loading...