मजबूर
जमाने का ये क्या दस्तूर है
रोता हमेशा भूखा मजबूर है!
हर पल बहाता है खून पसीना
रोटी के खातिर ही मजदूर है।
दुनिया की रौशनी से ये दूर है
मेहनत का ही इनको गुरूर है।
हँसीं खुशी रहता अपनो के बीच
दिलो में अपनो के ये मशहूर है।
अभिषेक शर्मा
जमाने का ये क्या दस्तूर है
रोता हमेशा भूखा मजबूर है!
हर पल बहाता है खून पसीना
रोटी के खातिर ही मजदूर है।
दुनिया की रौशनी से ये दूर है
मेहनत का ही इनको गुरूर है।
हँसीं खुशी रहता अपनो के बीच
दिलो में अपनो के ये मशहूर है।
अभिषेक शर्मा