Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2023 · 1 min read

मजबूरी

मजबूरी

“बाबूजी, आपकी तबीयत ठीक नहीं है। ऐसी स्थिति में कल की रैली में आपको नहीं जाना चाहिए।” आठवीं कक्षा में पढ़ रहे किशोर बेटे ने कहा।
“बेटा, सरपंच जी ने स्पष्ट कहा है कि प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं। इसलिए वहाँ हम सब लोगों का जाना जरूरी है।” उसने अपनी विवशता बताई।
“बाबूजी, वहाँ हजारों लोग होंगे। कौन आपको पूछने वाला है ? आपके नहीं जाने से किसी को कुछ फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन यदि आपको कुछ हो गया, तो हम अनाथ जरूर हो जाएँगे।”
“तुम मेरी चिंता मत करो बेटा। मुझे कुछ नहीं होगा। मुझे प्रधानमंत्री के रैली की चिंता नहीं, सरपंच जी की चिंता है। यदि मैं रैली में नहीं गया, तो गरीबी रेखा सूची ही नहीं, मतदाता सूची से भी मेरा नाम काट दिया जाएगा और उसके बाद हमारी सभी सरकारी सुविधाएँ छीन जाएँगी।”
पिताजी की बातें सुन वह बगलें झाँकने लगा।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

203 Views

You may also like these posts

लोग जो पीते हैं शराब, जाकर मयखानें
लोग जो पीते हैं शराब, जाकर मयखानें
gurudeenverma198
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
आशियाना
आशियाना
Dipak Kumar "Girja"
" सूत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
4010.💐 *पूर्णिका* 💐
4010.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हक़ीक़त है
हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रामपुर में दंत चिकित्सा की आधी सदी के पर्याय डॉ. एच. एस. सक्सेना : एक मुलाकात
रामपुर में दंत चिकित्सा की आधी सदी के पर्याय डॉ. एच. एस. सक्सेना : एक मुलाकात
Ravi Prakash
**हो गया हूँ दर-बदर, चाल बदली देख कर**
**हो गया हूँ दर-बदर, चाल बदली देख कर**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
डॉ० रोहित कौशिक
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
क़दम-क़दम पर मुसीबत, मगर ये तय कर लो,
क़दम-क़दम पर मुसीबत, मगर ये तय कर लो,
पूर्वार्थ
हर तरफ खामोशी क्यों है
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
Ajit Kumar "Karn"
"वक्त" भी बड़े ही कमाल
नेताम आर सी
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
विडम्बना और समझना
विडम्बना और समझना
Seema gupta,Alwar
चाहत।
चाहत।
Taj Mohammad
"शौर्य"
Lohit Tamta
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
पलकों से रुसवा हुए,
पलकों से रुसवा हुए,
sushil sarna
🙅क्षमा करें🙅
🙅क्षमा करें🙅
*प्रणय*
*परिस्थिति*
*परिस्थिति*
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जब घर से दूर गया था,
जब घर से दूर गया था,
भवेश
नेता हुए श्रीराम
नेता हुए श्रीराम
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...