#मजबूरिया
दर्द अपना लिख ना पाये उंगलियां जलती रही
किस्मत के पहरे में दिल की चिट्ठियां जलती रही
तुमसे मिलना चाह तो देश मे रेलगाड़ियां जलती रही
तुम मुझसे मिलने ना आ पाए तुम मजबूरियों में जलती रही
दर्द अपना लिख ना पाये उंगलियां जलती रही
किस्मत के पहरे में दिल की चिट्ठियां जलती रही