मजदूर
लड़ता है मजदूर अपने हालात से
दो जून की रोटी के लिए
रोता है छुप-छुप कर
सुला देता है अपने बच्चों को
ये कहकर सो जाओ जल्दी से
सपने में आता है मसीहा
घी से चुपड़ी हुई रोटी लेकर
राज स्वामी
#मजदूरदिवस
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#अंतरराष्ट्रीयमजदूरदिवस
#मजदूर_हूँ