मजदूर
***मजदूर ***
है हम करते मजदूरी
कभी पेट के लिए
कभी परिवार के लिए
करते है जी तोड कर मेहनत
पर कम है दैनिक मजदूरी
फिर भी करनी पडती है मजदूरी
गर्मी -सर्दी वारिस
कोई भी हो मौसम
होती है सब में
एक जैसी ही तंगी
मजदूरी मतलब मजबूरी
दुनियां आगे बढ गई
पर ना गई हमारी लाचारी
हम रहे मजदूर के मजदूर
करते थे मजदूरी
करते भी है मजदूरी
***दिनेश कुमार गंगवार ***