Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2018 · 1 min read

मकड़ी

मकड़ी बुनती रहती जाल
अकड़ अकड़ कर चलती चाल

कभी कहीं भी कोना पाती
मकड़ी फ़ौरन जाल बनाती

तन्मयता से बुनती रहती
लगता जैसे कभी न थकती

भाती इसको छत दीवारें
घर का सुंदर रूप बिगाड़ें

जाल तोड़ना ही पड़ता है
मन को चैन तभी मिलता है

कारीगरी है मगर कमाल
कैसा सुंदर बुनती जाल

26-09-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

- सिफारिशे -
- सिफारिशे -
bharat gehlot
मस्तमौला
मस्तमौला
Sudhir srivastava
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
अवध किशोर 'अवधू'
"अंगूरी रानी"
Dr. Kishan tandon kranti
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
Vinod Patel
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
If
If
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जा रहा है
जा रहा है
Mahendra Narayan
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
2657.*पूर्णिका*
2657.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देखा नहीं है कभी तेरे हुस्न का हसीं ख़्वाब,
देखा नहीं है कभी तेरे हुस्न का हसीं ख़्वाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भारत
भारत
sheema anmol
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
Dr Archana Gupta
सपने
सपने
Santosh Shrivastava
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
Anil chobisa
आधे अधूरे ख्वाब
आधे अधूरे ख्वाब
ललकार भारद्वाज
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
भजन - माॅं नर्मदा का
भजन - माॅं नर्मदा का
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ट्रंप बनाम हैरिस
ट्रंप बनाम हैरिस
Ram Krishan Rastogi
आजा आजा रे कारी बदरिया
आजा आजा रे कारी बदरिया
Indu Singh
चलो गांव को चले
चलो गांव को चले
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
■ संडे स्पेशल
■ संडे स्पेशल
*प्रणय*
Relations
Relations
Chitra Bisht
प्रतिशोध
प्रतिशोध
Shyam Sundar Subramanian
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
Harminder Kaur
खूब तमाशा हो रहा,
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
✍🏻Happy teachers day✍🏻
✍🏻Happy teachers day✍🏻
Neeraj kumar Soni
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
लीकतोड़ ग़ज़ल
लीकतोड़ ग़ज़ल
Dr MusafiR BaithA
Loading...