मकां मेरे यार का
*****मकां बना मेरे यार का (सजल)******
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मकां बना मेरे यार का हो मुबारक दिल से,
जला अलख है प्यार का हो मुबारक दिल से।
बड़े – बड़े सपने सजाये थे सदा आंखों में,
हुआ सच्चा स्वप्न यार का हो मुबारक दिल से।
खिले-खिले खिलते ही रहें फूलों भरे उपवन,
खिला घरौंदा सरदार का हो मुबारक दिल से।
दुआ मिली यारों की मिला द्वार आशियाना,
सजा किला करतार का हो मुबारक दिल से।
मिले कहीं मनसीरत नज़ारा अपने घर का,
मिला गुलिस्तां है हार का हो मुबारक दिल से।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)