मकर संक्रांति
आओ मिल मकर संक्रांति मनाए
प्यार की पतंग दूर गगन उड़ाए
डोर दूर अम्बर तलक ले जाए
मूँगफली गजक खाकर इतराए
सूर्य मकर राशि में अब आए
दक्षियायन से उत्तरायण आए
पावन गंगा में कर स्नान आप
मन के सारे पाप मैल धो आए
कर नकारात्मकता का हरण
कर सकारात्मकता का वरण
सूर्य देव मकर राशि में आए है
बधाइयां अपने साथ लाए है