मईया के आने कि आहट
मईया के आने कि आहट
सुनी जो मईया के आने कि आहट घर द्वार सजाया हमने ।।
द्वार रंगोली तोरण द्वार बनाया कलश स्थापना व्रत उपवास मईया रीझे जैसे मईया को रिझाया हमने ।।
आई माईया शेर सवार चतुर्भुज अष्ट भुज रूप मईया का सोहे मैन मंदिर मइया का रूप बसाया हमने।।
शंख चक्र गदा पद्म मईया कर धारी माथे मुकुट चुनरी रंग लाल मईया दरबार शीश झुकाया हमने।।
ढोल मृदंग घंटे घड़ियाल बाजे घर घर मईया मंदिर नौ रूपों कि माता कि भक्ति भाव जगाया हमने।।
क्लेश कष्ट मिटे दुनियां के मनोकामनाएं पूरण नेह स्नेह दुलार मईया पाया हमने।।
जग जननी भक्त वत्सल मईया ने क्षमा किए सब अपराध मईया के आने से निर्मल निश्छल मन काया जीवन सफल बनाया हमने।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीतांबर गोरखपुर उतर प्रदेश।।