मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
माईया तू एक सहारा है दुनियां झूठ पिटारा है ।।
माईया तू ही सच्ची है मिथ्या जग सारा अंधेरा माईया तू एक उजाला है ।।
भव सागर से पार लगाती हर मनोकामना पूरण करती माईया तू एक सहारा है दुनियां तो झूठ पिटारा है ।।
दुखियों का दुःख मिटाती दुष्टों को दंड दायनी न्याय धर्म का मार्ग दिखाती माईया तू ही एक सहारा है दुनियां तो झूठ पिटारा है ।।
माईया कि भक्ति जीवन सत्य शक्ति साँसों धड़कन पल प्रहर दिन रात युग सृष्टि माईया तू एक सहारा है दुनियां तो झूठ पिटारा है।।
अमंगल हारी मंगलकारी काल महाकाल तू बिपदा हारी माईया तू एक सहारा है दुनियां तो झूठ पिटारा है ।।
मझधार से पार लगती शत्रु विनाशक पाप नासिनी शोक रोग शूल हारिणी माईया तू एक सहारा है दुनियां तो झूठ पिटारा है।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।