Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2022 · 1 min read

मंदिर हमारे जो भी हैं अधिकार चाहिए।

गज़ल
काफ़िया- आर
रद़ीफ- चाहिए।

221…….2121…….1221…….212
मंदिर हमारे जो भी हैं अधिकार चाहिए।
बदला है जिसने इनको गुनहगार चाहिए।

कुछ लोग लालची थे जो उनमें ही मिल गए,
हकदार हैं सजा के वो मक्कार चाहिए।

घर को हमारे तोड़ के दुश्मन है घुस गया,
अब हमको चौकीदार भी दमदार चाहिए।

आँखों मे आँखें डाल के जो मुस्कुरा सकें,
इंसान को इँसान मे भी प्यार चाहिए।

महगाई रोजगार से मतलब नहीं उन्हें,
कुर्सी उन्हें किसी भी तरह यार चाहिए।

लालच व लोभ जिसको कभी छू नहीं सकें,
लिखने को खुद जमीर भी खुद्दार चाहिए।

आता है उनके बाहों हर रोज चाँद भी,
सूरज भी उनको साथ मे तैयार चाहिए।

प्रेमी हैं हम तो प्यार पे मरते ही रहेंगे,
हमको तो प्यार प्यार बेशुमार चाहिए।

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

84कोसीय नैमिष परिक्रमा
84कोसीय नैमिष परिक्रमा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए, कुछ समय शोध में और कुछ समय
समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए, कुछ समय शोध में और कुछ समय
Ravikesh Jha
उन्हें दिल लगाना न आया
उन्हें दिल लगाना न आया
Jyoti Roshni
.
.
Amulyaa Ratan
सफर पर है आज का दिन
सफर पर है आज का दिन
Sonit Parjapati
रोला छंद . . . .
रोला छंद . . . .
sushil sarna
'मुट्ठीभर रेत'
'मुट्ठीभर रेत'
Godambari Negi
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
Bidyadhar Mantry
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
Shreedhar
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
Ram Krishan Rastogi
जनता
जनता
Sanjay ' शून्य'
तेरे होने से ही तो घर, घर है
तेरे होने से ही तो घर, घर है
Dr Archana Gupta
"अनमोल"
Dr. Kishan tandon kranti
धैर्य.....….....सब्र
धैर्य.....….....सब्र
Neeraj Agarwal
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
इक पखवारा फिर बीतेगा
इक पखवारा फिर बीतेगा
Shweta Soni
नमन ऐ दिव्य मानव
नमन ऐ दिव्य मानव
आकाश महेशपुरी
- साजिशो का दौर चल रहा सावधान रहो -
- साजिशो का दौर चल रहा सावधान रहो -
bharat gehlot
एकदा तरी आयुष्यात कोणी असे भेटावे. ज्याला आपल्या मनातले सर्व
एकदा तरी आयुष्यात कोणी असे भेटावे. ज्याला आपल्या मनातले सर्व
Sampada
भावुक हुए बहुत दिन हो गये..
भावुक हुए बहुत दिन हो गये..
Suryakant Dwivedi
आदमी के भीतर
आदमी के भीतर
Kapil Kumar Gurjar
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
Jyoti Khari
*मौन*
*मौन*
Priyank Upadhyay
कोई फ़र्क़ पड़ता नहीं है मुझे अब, कोई हमनवा हमनिवाला नहीं है।
कोई फ़र्क़ पड़ता नहीं है मुझे अब, कोई हमनवा हमनिवाला नहीं है।
*प्रणय*
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
"उत्सवों का महत्व"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
Loading...