तेरे हर अफसाने से
निकल गई तेरे हर अफसाने से।
तेरे शख्सियत के हर पैमाने से।।
अपना भी एक वजूद होगा।
अपना भी एक अक्स होगा।।
तेरे ख्वाब अब मेरे नहीं रहे।
मेरे ख्वाब अब तेरे नहीं रहे।।
अब ना कौई बंधन होगा।
ना रिश्तों का जकड़न होगा।।
अब हर किस्सा मेरा होगा।
मेरा हर हिस्सा होगा।।
निकल गई तेरे हर अफसाने से।
तेरे शख्सियत के हर पैमाने से।।