Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2021 · 1 min read

मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए!

अरे नालायकों, जिंदा रहोगे तब न पूजा-पाठ करोगे? मंदिर- मस्जिद के लिए नहीं, बेहतर अस्पताल के लिए लड़ो..!

Language: Hindi
Tag: लेख
191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
कवि रमेशराज
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*जितना आसान है*
*जितना आसान है*
नेताम आर सी
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
" सौग़ात " - गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मजहब
मजहब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
Shekhar Chandra Mitra
*गर्मी के मौसम में निकली, बैरी लगती धूप (गीत)*
*गर्मी के मौसम में निकली, बैरी लगती धूप (गीत)*
Ravi Prakash
बेइंतहा सब्र बक्शा है
बेइंतहा सब्र बक्शा है
Dheerja Sharma
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
भाव गणित
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
2280.पूर्णिका
2280.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
😊लघु-कथा :--
😊लघु-कथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
फितरत से बहुत दूर
फितरत से बहुत दूर
Satish Srijan
जनता को तोडती नही है
जनता को तोडती नही है
Dr. Mulla Adam Ali
* वक्त की समुद्र *
* वक्त की समुद्र *
Nishant prakhar
हार स्वीकार कर
हार स्वीकार कर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
हमको
हमको
Divya Mishra
तन पर तन के रंग का,
तन पर तन के रंग का,
sushil sarna
नाम इंसानियत का
नाम इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
* पहचान की *
* पहचान की *
surenderpal vaidya
अपनी सोच का शब्द मत दो
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रथम गणेशोत्सव
प्रथम गणेशोत्सव
Raju Gajbhiye
Loading...